Thursday, 18 May 2017

फैमिली बिजनेस छोड़, ऑनलाइन किराना स्टोर खोल दिया

different from family business, open online retail shop
बिजनेसमैन फैमिली की तमन्ना होती है कि उनका बेटा बड़ा होकर जल्द से जल्द उनके कारोबार को संभाल ले, लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो अनुकूल परिस्थितियां होने के बावजूद अपना पारंपरिक व्यवसाय संभालने के बजाए कुछ अलग तस्वीर बनाने की कोशिश करते हैं।
ऐसे लोगों में चंडीगढ़ के सिंद्धांत दास शामिल हैं। 23 वर्षीय सिद्धांत ने न सिर्फ अपने आइडिया को ई-कामर्स के बिजनेस में तब्दील किया बल्कि लोगों को रोजगार भी दिया है। उन्होंने soulbowl.in के नाम से चंडीगढ़ का पहला आनलाइन किराना स्टोर खोला है, जो खाद्य पदार्थों के आठ हजार ब्रांड को घर-घर बेचते हैं।

चंडीगढ़ में यह सामान वह ई-रिक्शा के माध्यम से भिजवाते हैं। डेढ़ साल के भीतर सोल बाउल कंपनी पूरे ट्राइसिटी की सबसे बड़ी ई-कामर्स कंपनी बन गई है।

शुरुआत में आई थी मुश्किले, संघर्ष अब भी जारी
आर्ट्स बैकग्राउंड से पढ़ाई करने वाले सिद्धांत बताते हैं कि उनके परिवार का पेट्रोल पंप का है। घर वालों की इच्छा भी थी कि उसी से जुड़ जाऊं। लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहता था। ई-कामर्स के बिजनेस की शुरुआत काफी धीमी थी। खरीददार धीरे-धीरे बढ़ रहे थे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी।

वेबसाइट का न तो कभी कोई प्रचार किया और कभी विज्ञापन छपवाया। सिर्फ वेबसाइट के जरिए लोगों तक पहुंच बनी। हर महीने 50 हजार रुपये का आनलाइन किराने का सामान बेच रहे हैं। कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता, बल्कि एमआरपी के आधार पर चार्ज लिया जाता है।

300 रुपये से कम सामान खरीदने में चंडीगढ़ में 50 रुपये लेते हैं, जबकि ट्राइसिटी के लिए 100 रुपये। 300 रुपये से ज्यादा सामान खरीदने में कोई भी डिलीवरी चार्ज नहीं लेते।

यहां तक तीन हजार रुपये तक का सामान खरीदने में पांच प्रतिशत डिस्काउंट देते हैं। फोन आने के दो घंटे के भीतर सामान पहुंचाना कंपनी की जिम्मेदारी है। सामान की डिलीवरी दस बजे से लेकर 12 बजे, 12-2, 2-4, 4-6 और 6 बजे से लेकर आठ बजे तक की जाती है।

आनलाइन किराना स्टोर शुरू करने के पीछे यह थी सोच

सिद्धांत बताते हैं कि चंडीगढ़ में ट्रैफिक की समस्या बढ़ती जा रही है। हर जगह जाम की स्थिति बन रही है। खासकर मार्केट में। दूसरी बात समय की काफी कमी है। यदि चंडीगढ़ का कोई व्यक्ति सामान खरीदने मार्केट जाता है तो उसके कम से डेढ़ से दो घंटे का वक्त लगता है। समय और जाम से उलझने से बचने के लिए यह सोच जन्मी और ई-कंपनी बना डाली। एक यह भी सोच थी कि  अपने शहर में ही रहकर कोई काम किया जाए। अब तक उनके पास 500 रजिस्टर्ड ग्राहक बन चुके हैं। सिद्धांत बताते हैं कि वे डिस्काउंट के आधार पर अपने ग्राहक नहीं बल्कि सर्विस के आधार पर बनाना चाहते हैं।

कारोबार शुरू करने के सिद्धांत के पांच टिप्स

1.सबसे पहले अपने समाज की समस्या को पहचाने।
2.फिर उस समस्या का सालिड समाधान होना चाहिए, जो लोगों को घर बैठे ही मिल जाए।
3.अपने कस्टमर को भगवान समझे और समय-समय पर नई सुविधाएं भी देते रहे
4.स्टार्टअप शुरू करने के साथ-साथ आपका बैकअप मजबूत होना चाहिए। मसलन डिग्री हो या फिर नौकरी।
5.स्टार्ट अप फेल होने के बाद निराश न हो। कई ऐसे हैं जो पांच बार फेल होने के बाद आज सफलता के शिखर पर हैं।

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